बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति गंभीर रूप से उथल-पुथल भरी हो गई है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है, और रिपोर्ट्स के अनुसार, वह भारत के लिए रवाना हो चुकी हैं। उनके साथ उनकी बहन भी बताई जा रही हैं। इस बीच, बांग्लादेश की सेना ने घोषणा की है कि वे एक अंतरिम सरकार का गठन करेंगे।
मुख्य घटनाक्रम
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, शेख हसीना के इस्तीफे के बाद, देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रमुख विपक्षी पार्टी BNP के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं और सत्तारूढ़ अवामी लीग के कार्यकर्ताओं पर हमला कर रहे हैं।
आर्मी प्रमुख ने शांति की अपील की है और कहा है कि सेना स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रयासरत है। राजधानी ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में सेना तैनात कर दी गई है और कर्फ्यू लागू है।
प्रदर्शन और हिंसा
बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा फैल गई है। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास में घुसकर तोड़फोड़ की है, और हिंसा के चलते कई लोगों की मौत हो गई है। रविवार को हुई हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें 19 पुलिसकर्मी शामिल हैं।
छात्र नेताओं द्वारा आह्वान किए गए लॉन्ग मार्च और विरोध प्रदर्शन अब पूरी तरह से हिंसा में बदल चुके हैं। स्टूडेंट्स ने शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए कर्फ्यू को भी नजरअंदाज किया है।
सेना की भूमिका और प्रतिक्रिया
बांग्लादेश की सेना ने अंतरिम सरकार का गठन करने का निर्णय लिया है। सेना के प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने देश को शांति बनाए रखने का आश्वासन दिया है और लोगों से अराजकता से दूर रहने की अपील की है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
राजनीतिक संकट ने बांग्लादेश के शैक्षिक और सामाजिक जीवन को भी प्रभावित किया है। छात्र आंदोलनों ने सरकार की कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग की है, और इस आंदोलन ने हिंसात्मक रूप ले लिया है।
सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है और हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लागू किया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
भारत ने बांग्लादेश में हिंसा के चलते अपने नागरिकों को पड़ोसी देश की यात्रा से रोकने की सलाह दी है।
इस उथल-पुथल के बीच, बांग्लादेश की स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें टिकी हुई हैं और स्थिति पर ध्यान रखा जा रहा है।