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पूजा शर्मा: हज़ारों लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने वाली महिला

Published on December 19, 2024 by Vivek Kumar

दिल्ली की रहने वाली पूजा शर्मा ने समाज सेवा की मिसाल कायम की है। वह लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करती हैं और इसके लिए उन्होंने एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) भी शुरू किया है। उनका यह काम न सिर्फ सराहनीय है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणादायक भी है।

कैसे करती हैं अंतिम संस्कार?

पूजा स्थानीय पुलिस और अस्पतालों के साथ समन्वय बनाकर लावारिस शवों को अंतिम विदाई देती हैं। उनके अनुसार, वह धर्म के आधार पर मृतकों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करती हैं:
  • मुस्लिम शवों को कब्रिस्तान में दफनाया जाता है।
  • ईसाई शवों को सिमेट्री हाउस में दफन किया जाता है।
  • हिंदू शवों का अंतिम संस्कार श्मशान घाट में किया जाता है।

इस काम की शुरुआत कैसे हुई?

पूजा के इस नेक काम की शुरुआत उनके निजी जीवन के एक दर्दनाक अनुभव से हुई। साल 2022 में, उन्होंने अपने बड़े भाई को खो दिया। इस दुखद घटना ने उनके परिवार को झकझोर दिया। पिता इस सदमे से कोमा में चले गए, और परिवार में किसी पुरुष के न होने के कारण पूजा को खुद अपने भाई का अंतिम संस्कार करना पड़ा। इस अनुभव ने पूजा को समाज के उन लोगों के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया, जिनके पास अपनों की विदाई के लिए कोई नहीं होता। तभी से उन्होंने यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली।

पूजा का संदेश

पूजा का मानना है कि हर इंसान को उसकी मौत के बाद सम्मान मिलना चाहिए, चाहे उसका कोई अपना हो या न हो। उनका यह काम समाज में मानवता और सेवा की भावना को बढ़ावा देता है। पूजा शर्मा का यह प्रयास हमें सिखाता है कि दुख को अपनी ताकत बनाकर, समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

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