पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ने के बाद अस्सी के दशक में दिल्ली में भी आतंकवाद से निपटने के लिए बने स्पेशल सेल (विशेष प्रकोष्ठ) में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। मुंबई और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के विशेष यूनिट, एटीएस की तरह स्पेशल सेल को जिम्मेदारी देने की कवायद चल रही है। आतंकवाद पर लगाम के साथ नशीले पदार्थ, फर्जी करंसी, साइबर अपराध और हथियारों के सौदागरों आदि गतिविधियों पर नजर रखने वाली सेल ने राष्ट्रीय स्तर पर संसद और लाल किले, सीजीओ परिसर पर आतंकवादी हमले ही नहीं बल्कि विदेश में बैठे दाउद इब्राहिम, छोटा राजन और छोटा शकील जैसे गिरोह पर भी लगाम लगाने का काम किया है। अब सेल के आतंकवाद विशेष यूनिट काउंटर इंटेलीजेंस यूनिट को खास बनाने की तैयारी चल रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आने वाले समय में काउंटर इंटेलीजेंस यूनिट को खास बनाया जाएगा। सेल के उपायुक्त रहे अशोक चांद का कहना है कि सेल पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ने के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बनाया गया और फिर संसद हमले, लाल किला, साउथ, नार्थ ब्लाक पार्किंग विस्फोट, सीजीओ परिसर पर हथगोले फेंकने, इजराइल दूतावास की गाड़ियां पर बम फेंके जाने के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर फर्जी करंसी के वितरण, हथियारों के गिरोह का खुलासा किया। दिल्ली पुलिस के सूत्रों का मानना है कि इस यूनिट के आकार को और भी छोटा किया जा सकता है, लेकिन उसको बेहद खास बनाने का काम किया जाएगा। हाल में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की नई दिल्ली रेंज में आने वाले समय में किए जाने वाले बड़े बदलावों के मद्देनजर ही 6 इंस्पेक्टरों का तबादला किया गया। इन्हें अब नान आपरेशनल यूनिट्स में तैनात किया गया है।
मनीषी चंद्रा व प्रतीक्षा के पास जिम्मा मौजूदा समय में विशेष प्रकोष्ठ का जिम्मा डीसीपी मनीषी चंद्रा और डीसीपी प्रतीक्षा गोदारा संभाल रही हैं। डीसीपी मनीषी चंद्रा, पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के सचिव भी हैं। वहीं, प्रतीक्षा गोदारा ने कुछ वक्त पहले ही हरियाणा पुलिस से दिल्ली पुलिस में वापसी की है।