78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लालकिले से देशवासियों को संबोधित किया। अपने भाषण में, उन्होंने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अपने दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने देश की युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने, महिला सुरक्षा और विभिन्न सुधारों पर भी प्रकाश डाला।
विकसित भारत और स्वर्णिम भारत
पीएम मोदी ने अपने भाषण में ‘विकसित भारत’ और ‘स्वर्णिम भारत’ के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने ‘डिजाइन इन इंडिया’ की बात की, जो नए आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण की ओर इशारा करता है। मोदी ने यह स्पष्ट किया कि उनकी योजना में भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार शामिल हैं, जो विकास को और अधिक मजबूत और समावेशी बनाएंगे।
सुधारों की दिशा
मोदी ने अपने भाषण में सुधारों के बारे में भी बात की और स्पष्ट किया कि ये सुधार सिर्फ आर्थिक आंकड़ों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि गहराई से जुड़े हुए हैं। उन्होंने लोकल सेल्फ गवर्नेंस और राज्य स्तर पर तेजी से काम करने की जरूरत पर जोर दिया और बताया कि इससे संबंधित सुधारों की एक लंबी श्रृंखला तैयार की जाएगी।
कॉमन सिविल कोड और भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग
प्रधानमंत्री ने कॉमन सिविल कोड पर जोर दिया और सेक्युलरिज़्म के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखने की बात की, जो पिछले दिनों के घटनाक्रमों से मेल खाती है।
बिहार और नालंदा का उल्लेख
अपने भाषण में, पीएम मोदी ने बिहार और नालंदा का विशेष रूप से उल्लेख किया, जो शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयासों को दर्शाता है। उन्होंने बांग्लादेश के संदर्भ में भी बात की, यह दर्शाते हुए कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंधों के लिए प्रतिबद्ध है।
इस प्रकार, पीएम मोदी का स्वतंत्रता दिवस भाषण एक आशाजनक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, जिसमें विकास, सुधार और राष्ट्रीय एकता की दिशा में ठोस कदम उठाने की बात की गई है।