9 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक स्पष्ट संदेश देते हुए मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्धक्षेत्र में संभव नहीं है। और बम, बंदूकों तथा गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ में पुतिन के साथ शिखर वार्ता से पहले, अपने प्रारंभिक वक्तव्य में मोदी ने जाहिर तौर पर यूक्रेन में बच्चों के एक अस्पताल पर बम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि निर्दोष बच्चों की मौत हृदय विदारक और बहुत पीड़ादायी है। एक दिन पहले ही कीव में बच्चों के एक अस्पताल पर एक संदिग्ध रूसी मिसाइल से हमला किया गया, जिस पर वैश्विक स्तर पर नाराजगी जताई गई है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को पुतिन के साथ हुई अनौपचारिक बातचीत का भी जिक्र किया और कहा कि रूस के राष्ट्रपति को सुनने से उम्मीद बंधी है। मोदी दो दिवसयीय रूस यात्रा के बाद आस्ट्रिया पहुंच गए है। प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने वक्तव्य में कहा, ‘युद्ध हो, संघर्ष हो या आतंकवादी हमले हों, अगर लोगों की जान जाती है तो मानवता में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति दुखी होता है। उस पर भी यदि बेगुनाह बच्चों की हत्या हो, जब हम निर्दोष बच्चों को मरते हुए देखते हैं तो यह हृदय विदारक और बहुत पीड़ादायी होता है।’ मोदी की ये टिप्पणियां रूस के लिए अहम मानी जा रही हैं। मोदी ने सोमवार रात पुतिन के साथ निजी बैठक में हुई अपनी विस्तृत अनौपचारिक बातचीत का भी जिक्र किया और कहा कि संवाद ही समाधान का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा, ‘नई पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए शांति अत्यंत आवश्यक है। युद्धक्षेत्र में समाधान संभव नहीं है…. बम, बंदूकों और गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती। हमें संवाद के माध्यम से शांति का रास्ता खोजना होगा।’ प्रधानमंत्री ने वैश्विक समुदाय को आश्वासन दिया कि भारत शांति के पक्ष में है और संघर्ष का हल बातचीत से होना चाहिए।
मोदी ने कहा, ‘शांति बहाली के लिए भारत हरसंभव तरीकों से सहयोग को तैयार है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस बात से संतुष्ट हैं कि पुतिन ने सोमवार को हुई बैठक में पूरी तरह खुलकर अपने विचार रखे और इससे कई ‘दिलचस्प विचार’ और ‘नई सोच’ सामने आईं। पुतिन ने अपने बयान में यूक्रेन संकट का हल निकालने के तरीके खोजने के लिए मोदी के प्रयासों की सराहना की। पुतिन ने कहा, ‘आप सबसे ज्वलंत मुद्दों पर जिस तरह ध्यान देते हैं, उसकी मैं सराहना करता हूं। इसमें मुख्य रूप से शांतिपूर्ण तरीकों से यूक्रेन संकट का समाधान निकालने के तरीके खोजने की दिशा में आपके प्रयास शामिल हैं।’ मोदी दो दिवसीय रूस यात्रा पर सोमवार को मास्को पहुंचे और मंगलवार को पुतिन के साथ उन्होंने 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखरवार्ता में भाग लिया। यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर पश्चिमी देश इस यात्रा पर लगातार नजर रखे हुए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मोदी-पुतिन वार्ता से पहले वाशिंगटन में कहा, ‘हम भारत से आग्रह करेंगे, जैसा कि हम रूस से वार्ता करने वाले हर देश से करते हैं कि वह स्पष्ट करे कि यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता हो।’ प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार रात पुतिन के साथ हुई अपनी अनौपचारिक बातचीत का भी जिक्र किया और कहा कि रूस के राष्ट्रपति की बात सुनने से उम्मीद बनी। मोदी ने कहा, ‘कल हमारी बैठक में हमने यूक्रेन के मुद्दे पर एक दूसरे के विचारों को सुना और मैंने आपके समक्ष शांति तथा स्थिरता पर ‘ग्लोबल साउथ’ की आकांक्षाओं को भी रखा।’ प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ सालों में भारतीयों के लिए खाद्य, ईंधन और उर्वरक की कमी को टालने में भारत-रूस सहयोग की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जब दुनिया खाद्य पदार्थों, ईंधन और उर्वरक की कमी का सामना कर रही थी, तब हमने अपने किसानों के समक्ष कोई समस्या नहीं आने दी और रूस के साथ हमारी दोस्ती ने इसमें भूमिका निभाई। मोदी ने कहा कि ‘आपके सहयोग से हम पेट्रोल और डीजल की उपलब्धता के मामले में भारत के आम नागरिकों को कठिनाइयों से बचा सके।’ मोदी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि रूस के साथ हमारा सहयोग और बढ़े।’ मोदी ने आतंकवाद की चुनौतियों को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘भारत करीब 40 साल से आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है। मैं आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा करता हूं।’ शिखरवार्ता के बाद मोदी ने पुतिन के साथ वार्ता को सार्थक बताया। उन्होंने कहा, ‘क्रेमलिन में आज राष्ट्रपति पुतिन के साथ फलदायक बातचीत की। हमारी बातचीत में व्यापार, वाणिज्य, सुरक्षा, कृषि, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे क्षेत्रों में भारत-रूस सहयोग का विस्तार करने के तरीकों पर चर्चा हुई।’ उन्होंने कहा कि हम, दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने को अत्यंत महत्त्व देते हैं। पुतिन ने अपने बयान में कहा कि रूस और भारत के बीच व्यापार पिछले साल 66 फीसद बढ़ा। विदेश सचिव विनय क्ात्रा ने कहा कि मोदी ने निर्दोष लोगों की मौत, विशेष रूप से कल बच्चों के अस्पताल में मौत के मामलों पर चिंता और दुख प्रकट करते हुए बहुत स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘रूस-यूक्रेन संघर्ष के संबंध में, हां, यह मुद्दा दोनों नेताओं के बीच चर्चा में शामिल था। यह कल रात्रि भोज पर निजी चर्चा में और आज बातचीत में भी शामिल था।’
प्रधानमंत्री को रूस का सर्वोच्च राजकीय सम्मान रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आधिकारिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी को सर्वोच्च राजकीय सम्मान ‘आर्डर आफ सेंट एंड्रयू एपोसल ‘से सम्मानित किया। मोदी को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में असाधारण सेवाओं के लिए इस सम्मान से नवाजा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक समारोह में पुरस्कार प्राप्त करने के बाद सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘आर्डर आफ सेंट एंड्रयू द एपोसल पुरस्कार प्राप्त करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं इसे भारत की जनता को समर्पित करता हूं।’
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की न’ एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘यूक्रेन में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर रूसी मिसाइल से हमला हुआ, जिसमें कैंसर के मरीज बच्चों पर निशाना साधा गया। मलबे के नीचे कई लोग दब गए।’ उन्होंने कहा, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता को मास्को में ऐसे दिन विश्व के सबसे बड़े खूनी अपराधी को गले लगाते हुए देखना बड़ा निराशाजनक और शांति प्रयासों के लिए विनाशकारी झटका है।’