नई दिल्ली, 5 सितंबर 2024: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत के लिए अपनी तैयारियों का संकेत दिया है। रॉयटर्स के अनुसार, पुतिन ने कहा है कि भारत, चीन, या ब्राजील जैसे देश रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं।
पूर्वी आर्थिक फोरम में बयान:
व्लादिवोस्तोक में आयोजित पूर्वी आर्थिक फोरम (EEF) के दौरान पुतिन ने उल्लेख किया कि 2022 में युद्ध की शुरुआत के समय तुर्किये ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की कोशिश की थी। हालांकि, उन प्रयासों की शर्तों को कभी लागू नहीं किया गया। पुतिन ने सुझाव दिया कि पिछले प्रयासों को नए वार्तालापों के लिए आधार बनाया जा सकता है।
युद्ध समाप्त करने की शर्तें:
फरवरी 2022 में युद्ध की शुरुआत के एक महीने बाद इस्तांबुल, तुर्किये में संघर्ष को रोकने के लिए कई दौर की बातचीत हुई थी। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पुतिन ने युद्ध समाप्त करने के लिए दो शर्तें रखी थीं: यूक्रेन को डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसोन और जपोरिज़िया से अपने सैनिकों को हटाना होगा, और यूक्रेन कभी भी नाटो का हिस्सा नहीं बनेगा। यूक्रेन ने इन शर्तों को मानने से इनकार कर दिया था।
हाल की घटनाएँ:
पुतिन का यह बयान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे के बाद आया है, जो 8 जुलाई को हुआ था। इस दौरान मोदी ने पुतिन के साथ संघर्ष समाप्त करने पर चर्चा की थी। इसके बाद मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किए थे, जहां राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भारत में दूसरे शांति सम्मेलन की मेज़बानी की इच्छा व्यक्त की थी।
जेलेंस्की के साथ बैठक में, मोदी ने भारत की शांति के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को उजागर किया और पुतिन के साथ हाल की बातचीत की बात की, यह कहते हुए कि यह युद्ध का समय नहीं है।
युद्ध की वर्तमान स्थिति:
24 फरवरी 2022 को शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध को अब ढाई साल हो चुके हैं। इस अवधि में 10,000 यूक्रेनी नागरिकों की मौत हो चुकी है, और 18,500 घायल हुए हैं। यूक्रेन का दावा है कि रूस ने 3,92,000 सैनिक गंवाए हैं। अमेरिका ने रूस की 500 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
6 अगस्त 2024 को यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र पर कब्जा कर एक महत्वपूर्ण प्रगति की, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार है जब किसी विदेशी शक्ति ने रूसी क्षेत्र पर कब्जा किया है। यूक्रेन का दावा है कि उसने केवल दो सप्ताह में अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है, जितना रूस ने 2024 के पहले आठ महीनों में किया था।
अतिरिक्त जानकारी:
- मोदी ने जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया और कहा कि उन्होंने सीधे पुतिन से कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है।
- हाल ही में मोदी और पुतिन ने एक निजी डिनर में मुलाकात की, जहां अनौपचारिक बातचीत की गई।