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ओडिशा में नेपाली छात्रा की मौत पर बवाल, भारत-नेपाल के बीच तनाव

Published on February 21, 2025 by Vivek Kumar

Ruckus over death of Nepali student in Odisha, tension between India and Nepal

भुवनेश्वर, 21 फरवरी 2025 – ओडिशा के प्रतिष्ठित कैलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में पढ़ने वाली 20 वर्षीय नेपाली छात्रा प्रकृति लाम्साल की आत्महत्या ने पूरे संस्थान को हिला कर रख दिया है। इस दुखद घटना के बाद न केवल छात्रों में आक्रोश है, बल्कि भारत और नेपाल के बीच कूटनीतिक तनाव भी बढ़ गया है।

प्रकृति लाम्साल, जो कि तीसरे वर्ष की बीटेक छात्रा थीं, 16 फरवरी को अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गईं। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि उनकी मौत सहपाठी अद्विक श्रीवास्तव द्वारा कथित रूप से किए गए मानसिक उत्पीड़न के कारण हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अद्विक को गिरफ्तार कर आत्महत्या के लिए उकसाने (abetment to suicide) का मामला दर्ज किया है।

इस घटना के बाद KIIT में पढ़ने वाले नेपाली छात्रों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों ने प्रकृति के लिए न्याय और विश्वविद्यालय प्रशासन की भूमिका की जांच की मांग की। हालांकि, इस विरोध प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया ने मामले को और भड़का दिया। आरोप है कि KIIT प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहे सभी नेपाली छात्रों को तत्काल कैंपस छोड़ने का आदेश दिया। यह कदम छात्रों के लिए दबाव और भेदभाव की तरह देखा गया, जिससे मामला और पेचीदा हो गया।

इस घटना का प्रभाव भारत और नेपाल के रिश्तों पर भी पड़ा। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत सरकार से नेपाली छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने भारतीय अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे प्रकृति की मौत की निष्पक्ष और गहन जांच करें। नेपाल सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए भारत में पढ़ रहे नेपाली छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।

ओडिशा सरकार ने बढ़ते विवाद और जनता के आक्रोश को देखते हुए एक उच्च-स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। यह समिति न केवल प्रकृति लाम्साल की आत्महत्या के कारणों की जांच करेगी, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों के साथ किए गए व्यवहार और फैसलों की समीक्षा भी करेगी। इस मामले में कई विश्वविद्यालय अधिकारियों को हिरासत में लिया गया है, जो इस बात को दर्शाता है कि प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

प्रकृति लाम्साल की मौत ने भारत और नेपाल दोनों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। नेपाल के लोग इस घटना को सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि विदेश में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक सुरक्षा संकट के रूप में देख रहे हैं। इस घटना के बाद छात्र संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा बढ़ाने और मानसिक उत्पीड़न रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है।

जांच अभी जारी है, लेकिन इस घटना का असर लंबे समय तक महसूस किया जाएगा। यह मामला भारत-नेपाल के शैक्षिक संबंधों और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर बहस का रूप ले चुका है। प्रकृति लाम्साल की दुखद मौत ने एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा कर दिया है – क्या विदेशी छात्रों के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों में सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जा रहा है?

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