असम की रहने वाली 21 वर्षीय जिम ट्रेनर स्नेहा नाथ चौधरी, दिल्ली आई थीं ताकि फिटनेस उद्योग में अपनी पहचान बना सकें। लेकिन, उनका जीवन तब क्रूरता से खत्म हो गया जब उन्हें शनिवार, 27 जुलाई 2024 को उनके दिल्ली के द्वारका स्थित आवास पर चाकू से मार दिया गया। इस घटना ने समुदाय को झकझोर कर रख दिया है, उनके परिवार और दोस्तों को सदमे और अविश्वास में छोड़ दिया है।
स्नेहा को शाम के समय सेक्टर 23 के पोचनपुर इलाके में उनके घर पर मृत पाया गया। पुलिस को सूचित किया गया और मौके पर पहुंचने पर उन्हें 24-25 वर्षीय आरोपी राज वहां मिला, जिसके हाथ में चोट लगी थी। उसे हिरासत में ले लिया गया है और पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, राज स्नेहा को जानता था और दोनों के बीच हाल ही में कुछ विवाद हुए थे। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है ताकि घटना और स्नेहा और राज के बीच के संबंध की और अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि दोनों एक दूसरे को जानते थे और उनके बीच विवाद का इतिहास था।
स्नेहा का परिवार, जो असम के सिलचर शहर के चिबिला बछिया में रहता है, अपनी प्यारी बेटी की मृत्यु से उबरने की कोशिश कर रहा है। उनके पिता, जो एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं, ने अपना सदमा और दुख व्यक्त करते हुए कहा, “स्नेहा एक उज्ज्वल और महत्वाकांक्षी लड़की थी। वह अपने सपनों को पूरा करने दिल्ली आई थी और हमें उस पर गर्व था। हमने कभी नहीं सोचा था कि उसका जीवन इतनी क्रूरता से खत्म हो जाएगा।”
स्नेहा के दोस्त और फिटनेस उद्योग के उनके सहयोगी भी उनकी मृत्यु का शोक मना रहे हैं। एक सहयोगी ने कहा, “स्नेहा एक प्रतिभाशाली ट्रेनर और एक अद्भुत व्यक्ति थी। वह हमेशा ऊर्जा और उत्साह से भरी रहती थी। उसकी मृत्यु हम सभी के लिए एक बड़ी क्षति है।”
पुलिस स्नेहा की मृत्यु के आसपास की परिस्थितियों का खुलासा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। वे सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा कर रहे हैं और गवाहों से बात कर रहे हैं ताकि घटना के समय की घटनाओं को जोड़ सकें। आरोपी राज को हिरासत में रखा गया है और पुलिस उसके स्नेहा के साथ संबंध की सटीक प्रकृति का निर्धारण कर रही है।
जांच जारी रहने के साथ ही, समुदाय को एक युवा जीवन के इस निरर्थक नुकसान से जूझना पड़ रहा है। स्नेहा की मृत्यु हमारे समाज में महिलाओं के सामने आने वाले खतरों की याद दिलाती है और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए बढ़ते सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
इस बीच, स्नेहा का परिवार और दोस्त उनकी प्यारी स्नेहा के बिना आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। उनका स्मरण उन अनगिनत जीवनों के माध्यम से जीवित रहेगा जिन्हें उन्होंने अपने छोटे लेकिन प्रभावशाली जीवन में छुआ था।