बिहार में लगातार गिर रहे पुलों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) समेत अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कई याचिकाओं के आधार पर जारी किया गया, जिनमें पुलों की गिरती हालत पर चिंता व्यक्त की गई थी।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने जनहित याचिका पर बिहार सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सख्त रुख अपनाया। वकील ब्रजेश सिंह की याचिका में यह मांग की गई है कि बिहार में सभी पुलों का आडिट किया जाए ताकि उनकी वर्तमान स्थिति का सही-सही पता चल सके। इसके साथ ही, याचिका में निर्माणाधीन पुलों की निगरानी की भी व्यवस्था बनाने की मांग की गई है।
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि 18 जुलाई के बाद से बिहार में अररिया, सिवान, मधुबनी, किशनगंज जैसे विभिन्न जिलों में एक के बाद एक छह पुल गिर चुके हैं। यह घटनाएं बिहार में नदी या सड़क पर बने पुलों की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने थोड़ी देर की सुनवाई के बाद सभी पक्षों को नोटिस जारी कर दिया। याचिकाकर्ता ने बिहार के मुख्य सचिव, पथ निर्माण विभाग, बिहार पुल निर्माण निगम के चेयरमैन, केंद्रीय सड़क परिवहन सचिव और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन को मामले में पक्षकार बनाया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि बिहार के सभी पुलों की तत्काल जांच की आवश्यकता है और यह गंभीर चिंता का विषय है।