ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने पत्नी संग मंदिर में पूजा की, हिंदू धर्म से मुझे प्रेरणा मिलती है: सुनक

‘हिंदूफोबिया’ के लिए ब्रिटेन में कोई जगह नहीं : स्टार्मर

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति ने चार जुलाई को होने वाले आम चुनाव से पहले अपने प्रचार अभियान के आखिरी सप्ताहांत में लंदन स्थित प्रतिष्ठित बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मंदिर को नेसडेन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति का काफिला शनिवार शाम को जब भव्य मंदिर के परिसर में पहुंचा तो वहां मौजूद लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया।

इसके बाद दोनों ने पुजारियों के मार्गदर्शन में पूजा-अर्चना की। ऋषि सुनक ने मंदिर में दर्शन करने के बाद स्वयंसेवकों तथा समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत की। क्रिकेट प्रशंसक सुनक ने अपने संबोधन की शुरुआत टी-20 विश्व कप में भारत की जीत के जिक्र से की और कहा कि उन्हें हिंदू धर्म से प्रेरणा मिलती है।

उन्होंने कहा, ‘मैं आप सभी की तरह हिंदू हूं और मेरा धर्म मुझे प्रेरित करता है।’ ऋषि सुनक ने कहा कि मुझे संसद सदस्य के रूप में ‘भगवद्गीता’ पर हाथ रखकर शपथ लेने पर गर्व है। हमारा धर्म सिखाता है कि हमें अपना कर्तव्य निभाना चाहिए और यदि हम इसे ईमानदारी से निभा रहे हैं तो हमें परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मेरे प्रिय माता-पिता ने मुझे यही सिखाया है और मैं इसी तरह अपना जीवन जीता हूं। यही मैं अपनी बेटियों को सिखाना चाहता हूं। यह धर्म ही है जो सार्वजनिक सेवा के प्रति मेरे दृष्टिकोण में मेरा मार्गदर्शन करता है।’ सुनक ने अपने पिता और मां द्वारा की गई समुदाय की सेवा का जिक्र किया। उन्होंने अपनी सास सुधा मूर्ति के भारत में किए गए इंग्लैंड में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर शुक्रवार को उत्तरी लंदन के किंग्सबरी में स्थित स्वामीनारायण मंदिर पहुंचे। उन्होंने यहां ‘जय स्वामीनारायण’ बोलकर अपना भाषण शुरू किया।

लेबर पार्टी के नेता ने कहा कि ब्रिटेन में हिंदूफोबिया के लिए कोई जगह नहीं है। हिंदूफोबिया से आशय हिंदू धर्म और हिंदुओं के प्रति विरोधी, विनाशकारी और अपमानजनक दृष्टिकोण और व्यवहार करना है। 2021 की जनगणना के अनुसार ब्रिटेन में रहने वाले लगभग दस लाख लोग खुद को हिंदू मानते हैं। इससे देश में चार जुलाई को होने वाले आम चुनाव में भाग लेने वालों में एक बड़ा हिस्सा हिंदू मतदाताओं का होगा। ‘शानदार कार्यों’ का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘मेरी पत्नी न केवल मेरे लिए सबसे बड़ा सहारा हैं, बल्कि वह सार्वजनिक सेवा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।’ ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री के रूप में 44 वर्षीय सुनक ने समुदाय के सदस्यों की ‘प्रार्थनाओं और प्रेम’ के लिए उनका आभार व्यक्त किया तथा उन्हें गौरवान्वित करने का प्रयास जारी रखने का संकल्प लिया। धुर दक्षिणपंथी ‘रिफार्म यूके’ के कार्यकर्ता ने प्रचार अभियान के दौरान सुनक के खिलाफ नस्लवादी टिप्पणी की थी

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