केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि केरल में भूस्खलन की विनाशकारी घटना से सात दिन पहले ही राज्य सरकार को पूर्व चेतावनी दे दी गई थी। साथ ही 23 जुलाई को एनडीआरएफ की नौ टीमों को भी वहां रवाना कर दिया गया था। किंतु राज्य सरकार यदि इन टीमों को देखकर भी ‘अलर्ट’ हो गई होती तो काफी कुछ बच सकता था। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शाह के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि भूस्खलन से पहले भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने जिले के लिए केवल ‘नारंगी चेतावनी’ जारी की थी। इस बीच, भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 158 हो गई है जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। उच्च सदन में वायनाड में विनाशकारी भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा मांगे स्पष्टीकरणों का जवाब देते हुए शाह ने इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चर्चा में कई सदस्यों ने पूर्व चेतावनी तंत्र की बात उठाई थी। उन्होंने कहा कि वह इस सदन के माध्यम से पूरे देश को बताना चाहते हैं कि 23 जुलाई को केरल सरकार को भारत सरकार की ओर से पूर्व चेतावनी दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि सात दिन पहले यह चेतावनी दिए जाने के बाद 24 एवं 25 जुलाई को फिर चेतावनी दी गई और 26 जुलाई को कहा गया कि ’20 सेंटीमीटर से अधिक तथा भारी वर्षा होगी, भूस्खलन की आशंका है, गाद भी बहकर नीचे आ सकता है, लोग इसके अंदर दबकर मर भी सकते हैं। इस देश में कुछ राज्य सरकारें ऐसी रही हैं जिन्होंने पूर्व में इस प्रकार की पूर्व चेतावनी पर काम करके इस तरह की आपदाओं में किसी को हताहत नहीं होने दिया। उन्होंने ओड़ीशा की पूर्ववर्ती नवीन पटनायक सरकार और गुजरात सरकार का उदाहरण दिया। गृह मंत्री ने कहा कि उनके अनुमोदन से 23 जुलाई को ही एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की नौ टीमें विमान से केरल रवाना हो गई थीं क्योंकि भूस्खलन होने की आशंका थी। उन्होंने प्रश्न उठाया कि केरल सरकार ने समय रहते संवेदनशील स्थलों से लोगों को एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित क्यों नहीं किया और यदि किया, तो इतने लोग मारे कैसे गए? उन्होंने कहा कि वह किसी के साथ राजनीति नहीं करना चाहते क्योंकि यह समय केरल की सरकार, केरल की जनता के साथ खड़े रहने का समय है। शाह ने सदन को आश्वासन दिया कि दलीय राजनीति को भुलाकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार केरल की जनता और केरल की सरकार के साथ ‘चट्टान की तरह खड़ी रहेगी।’ केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने शाह के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि भूस्खलन से पहले आइएमडी ने जिले के लिए केवल ‘नारंगी चेतावनी’ जारी की था। मंगलवार सुबह भूस्खलन के बाद ही जिले के लिए ‘लाल चेतावनी’ जारी की गई थी। यह ‘दोषारोपण’ का समय नहीं है और वह शाह की टिप्पणियों को प्रतिकूल रूप से नहीं ले रहे हैं। वायनाड जिला प्रशासन ने बताया कि बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं।