पटना – बिहार विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी सदस्यों ने राज्य को विशेष दर्जा न देने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ जमकर हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दलों के नेताओं ने ‘शर्म करो’ जैसे नारे लिखी तख्तियों के साथ सदन में विरोध प्रदर्शन किया।
विशेष दर्जा न मिलने पर हंगामा
विपक्षी सदस्यों ने केंद्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष दर्जा न दिए जाने के फैसले के खिलाफ नाराजगी जताई। कुछ विपक्षी सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर हाथ में झुनझुना थामे नजर आए, यह दर्शाने के लिए कि केंद्र सरकार बिहार को उसका हक देने से इनकार करने के बाद विशेष पैकेज और अन्य प्रकार की मदद मुहैया कराने की बात कहकर केवल ‘झुनझुना’ थमा रही है।
विधानसभा अध्यक्ष की अपील
विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने हंगामे से कार्यवाही देखने आए स्कूली बच्चों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर दुख व्यक्त किया और विपक्षी सदस्यों से कई बार अपनी सीटों पर बैठने का आग्रह किया। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी विपक्षी सदस्यों से अपनी-अपनी सीटों से यह मुद्दा उठाने और सरकार की प्रतिक्रिया सुनने का अनुरोध किया।
विपक्ष पर आरोप
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली जनता दल (एकी) के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने ही सबसे पहले बिहार की विशेष दर्जे की मांग को ठुकराया था, जिसमें राजद भी शामिल था।
कार्यवाही स्थगित
विपक्षी सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के चलते विधानसभा अध्यक्ष को पहले सदन की कार्यवाही 11:15 बजे तक और फिर दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा में विशेष दर्जा न मिलने के मुद्दे पर हंगामा यह दर्शाता है कि राज्य की राजनीति में इस विषय पर कितना गहरा मतभेद है। विपक्षी दल केंद्र सरकार के फैसले से नाराज हैं और वे राज्य को उसका हक दिलाने के लिए संघर्षरत हैं। वहीं, सत्तारूढ़ दल का कहना है कि विशेष दर्जे की मांग को पहले भी ठुकराया गया था, जिससे वर्तमान विवाद और भी जटिल हो जाता है।