भारत की उदारता का फायदा न उठाने की चेतावनी: बॉम्बे हाईकोर्ट का पाकिस्तान जाने का सुझाव

Warning not to take advantage of India's generosity Bombay High Court suggests going to Pakistan
Warning not to take advantage of India’s generosity Bombay High Court suggests going to Pakistan

हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भारत में तय अवधि से अधिक समय तक ठहरे एक शरणार्थी पर कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने यमन के नागरिक खालिद गोमेई मोहम्मद हसन को ‘पड़ोस के पाकिस्तान’ या किसी खाड़ी देश में जाने की सलाह दी है। हसन का कहना था कि वे पिछले 10 साल से भारत में रह रहे हैं और यमन में मानवीय संकट के कारण उन्हें वापस नहीं लौटना चाहते।

जस्टिस रेवती मोहित डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने यह टिप्पणी की, “आप पाकिस्तान जा सकते हैं, जो हमारे पड़ोस में ही है। या आप किसी भी खाड़ी देश में जा सकते हैं। भारत के उदार रवैये का गलत फायदा मत उठाएं।” हसन का वीजा 2017 में समाप्त हो चुका है और उनकी पत्नी का वीजा 2015 में खत्म हो चुका था। हाल ही में पुणे पुलिस ने उन्हें ‘लीव इंडिया नोटिस’ जारी किया था।

हसन ने ऑस्ट्रेलिया जाने की अनुमति की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें केवल 15 दिनों की सुरक्षा प्रदान की। बेंच ने यह भी टिप्पणी की कि यमन में मानवीय संकट के बावजूद, हसन और उनकी पत्नी का वीजा समाप्त हो चुका है और उनकी बच्ची की नागरिकता पर भी सवाल उठाया गया।

पुणे पुलिस ने अदालत को बताया कि हसन अन्य देशों में जा सकते हैं जहां शरणार्थी कार्ड धारकों को अनुमति दी जाती है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हसन की स्थिति को देखते हुए, भारत में उनकी सुरक्षा अवधि केवल 15 दिनों की होगी।

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